पुलिस फायर सर्विस, पुलिस भवन, गोमती नगर एक्सटेंशन, शहीद पथ, लखनऊ में स्थित है।
फैक्स : 0522-. फ़ोन : 0522-2390267/2390269
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उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाएं
"हम बचाने के लिए काम करते हैं"
आज तक उपलब्धियां
इतिहास
1925 के पहले उत्तर प्रदेश में म्यूनिसिपल बोर्ड के तहत ‘कवाल’ शहरों में अग्निशमन सेवाएँ थीं। ‘कवाल’ यानी कानपुर, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद और लखनऊ। 1939 की समाप्ति में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने पर भारत भर में एक सुसंगठित अग्निशमन सेवाओं की जरूरत बढ़ी। उत्तर प्रदेश के म्यूनिसिपल बोर्ड वाले पाँच ‘कवाल’ शहरों की अग्निशमन सेवाओं को राज्य सरकार ने 26 जुलाई 1944 को अपने अधीन कर लिया और इस तरह उत्तर प्रदेश फायर सर्विसेज की स्थापना हुयी।
1952 तक ये अग्निशमन स्टेशन म्यूनिसिपल बोर्ड क्षेत्र में सेवा देते थे। उत्तर प्रदेश फायर सर्विसेज एक्ट 1944 को 1952 में संशोधित किया गया और अग्निशमन सेवाओं का पूरे राज्य में विस्तार किया गया।
1944 में उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा ने 8 फायर स्टेशनों और 198 अग्निशमन सेवा कर्मियों के साथ काम करना शुरू किया और वर्तमान में इसके पास 61 जिलों में 144 फायर स्टेशन और 5536 अग्निशमन सेवा कर्मी हैं। उत्तर प्रदेश के विभाजन के और उत्तराखंड बनाने के पूर्व उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा के 166 अग्निशमन स्टेशन थे, उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा वर्तमान में 1082 अग्निशमन मशीनों से लैस है और उत्तर प्रदेश को आग से बचाने के काम में लगी हुयी है। उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाएँ उत्तर प्रदेश पुलिस के तहत काम कर रही है। उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाओं का अपना खुद का अग्निशमन सेवा अधिनियम है।
उद्देश्य
उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाओं का आदर्श-वाक्य है - ‘’हम बचाने के लिए काम करते हैं’’ जो संस्कृत के मूल आदर्श-वाक्य - ‘तृणय सेवा महे’ का शाब्दिक अनुवाद है।
इस आदर्श वाक्य के आधार पर प्राथमिकता वाली तीन उद्देश्य अवधारणाएं हैं :
- प्राथमिक उद्देश्य : जीवन रक्षा
- माध्यमिक उद्देश्य : राष्ट्रीय एवं सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा
- तृतीय उद्देश्य : नष्ट होने से बचाना और सुरक्षित करना
प्राथमिक उद्देश्य : जीवन रक्षा
यह अग्निश्मन सेवा का सबसे जरूरी हिस्सा है, जिसके लिए कर्मियों का अच्छी तरह से प्रशिक्षित होना जरूरी है। आग के मामलों में आग की बजाय आग से निकालने वाला धुआँ जान जाने का मुख्य दोषी होता है। धुआँ ही है जो दम घोंट कर पहले ही मार देता है।
अग्निश्मन कर्मियों को सघन रूप से प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे आग बुझाने की स्थितियों में पायी जाने वाली गर्म और धुएं से भारी नम परिस्थितियों का सामना कर सकें और खोज प्रक्रिया के तरीकों का सही ढंग से पालन करते हुए हताहतों की खोज कर सकें। आधुनिक टेक्नोलोजी ने पीवीसी, फ़ोम कपड़े और साज-सज्जा जैसे उत्पाद उपलब्ध कराये हैं जो हानिकारक धुआँ पैदा करते हैं जिसका जहरीला प्रभाव होता है। ये उत्पाद मनुष्यों के आराम के लिहाज से तो वरदान हैं लेकिन आग पकड़ने पर ये तत्काल मार डालने वाले साबित होते हैं।
अग्निशमन सेवाओं के अतिरिक्त आपदाएँ, भवन का ढहना, डूबने से बचाव आदि घटनाएँ हैं जिनमें तत्काल जीवन रक्षा की जरूरत होती है।
- माध्यमिक उद्देश्य : राष्ट्रीय एवं सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा
आग और धुवें से राष्ट्रीय और सार्वजनिक संपत्ति का अत्यधिक नुकसान होता है। इस नुकसान को रोकने के लिए अग्निशमन सेवाओं को अग्नि शमन में नवीनतम तकनीकी विकास से रू-ब-रू रहना होता है। आग से नुकसान को कम करने के लिए कर्मियों को व्यावहारिक अग्निशमन की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और विभिन्न प्रकोष्ठ हैं।
उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाएँ आग को उसके मुहाने पर इस तरह बुझाने का उपक्रम करती है ताकि आग बुझाने के दौरान इस्तेमाल किए गए पानी से संपत्ति का नुकसान न हो, वह खराब न होने पाये।
- तृतीय उद्देश्य : नष्ट होने से बचाना और सुरक्षित करना
मानवीय सेवाएँ और बचाव सेवाएँ। एंबुलेंस सेवा, जिसमें उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा द्वारा संकट में पड़े मनुष्यों और पशुओं को प्राथमिक चिकित्सा सहायता दी जाती है। आग के घटनास्थल पर एक विंग अग्निशमन के कारण आग, धुएँ और पानी से संपत्ति के संरक्षण में व्यस्त रहता है। वे बिना जली संपत्ति को आग से परे हटाते हैं, पनि की निकासी का रास्ता बनाते हैं, जमीन पर जल भराव नहीं होने देते और हवा आने का रास्ता बनाते हैं।
इन महत्वपूर्ण कामों के अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाएँ निम्नलिखित कार्य भी करती है :
- आम तौर पर आग से बचाव और आग से रोकथाम पर सलाह देना
- अति विशिष्ट व्यक्तियों को विमान से आगमन और प्रस्थान पर तथा सार्वजनिक सभाओं में आग से सुरक्षा प्रदान करना
- सांप्रदायिक दंगों, हड़ताल, त्योहार, सार्वजनिक सभाओं, बड़े जुलूसों आदि आपात स्थितियों में जनता को आग से बचाव प्रदान करना।
- अग्निशन विभाग जनता को मामूली शुल्क पर, जो सरकार द्वारा समय समय पर नियत किया जाता है, उनके निजी समारोहों में मौजूद रहने की सुविधा प्रदान करता है।
- ‘अग्नि सचेतक योजना’ नामक अति लोकप्रिय जन शैक्षिक अग्नि रोकथाम अभियान जिसमें युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता है।
- प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को फायर सेवाएँ ‘अग्नि शमन दिवस’ मनाती हैं जो लोक सेवा के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले अग्नि शमन कर्मियों की स्मृति में मनाया जाता है। प्रदर्शनी, फिल्म शो, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रचार पुस्तिका के वितरण, गोष्ठियों, और व्याख्यानों द्वारा आग की रोक थाम का संदेश जनता तक पहुंचाया जाता है। फिल्म, टेलिविजन, रेडियो और अखबारों जैसे जन संचार माध्यमों के जरिये आग से रोक थाम का संदेश सफलता पूर्वक फैलाने में मदद मिलती है। फायर विभाग विद्यालयों और कालेजों में तथा अन्य जगहों पर जहां आग्रह किया जाता है, वहाँ आग से रोक थाम विषय पर व्याख्यान और प्रदर्शन आयोजित करता है। आग से रोक थाम की शिक्षा लोगों के जीवन और संपत्ति को बचाने में महतावपूर्ण भूमिका अदा करती है।
- उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाएँ प्रारम्भिक भूमिका निभाने के अतिरिक्त लोगों का जीवन और संपत्ति आग से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। यह एक उत्कृष्ट महत्वपूर्ण एजेंसी है और बड़े पैमाने पर सरकार और समाज से मजबूत समर्थन के हकदार है।
संगठन का चिन्ह
पदों का ढांचा
-
पुलिस महानिदेशक (एफ/एस)
-
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एफ/एस)
-
पुलिस महानिरीक्षक (एफ/एस)
-
पुलिस उप महानिरीक्षक
-
(जिला स्तरीय) |
(मुख्यालय स्तरीय) |
|
संयुक्त निदेशक (तकनीकी)
|
पुलिस अधीक्षक |
संयुक्त निदेशक (तकनीकी) |
|
कमांडेंट (एसएफएसटीसी)
|
मुख्य अग्निशमन अधिकारी |
सहायक कमांडेंट (एसएफएसटीसी) |
फायर स्टेशन आफिसर
फायर स्टेशन सेकेंड आफिसर
लीडिंग फ़ायरमैन / फायर सर्विस ड्राईवर
फायरमैन
वर्तमान गतिविधियां
उद्देश्यों को आधुनिक युग के मद्देनजर ध्यान में रखना उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा के लिए बड़ी चुनौतियाँ पेश करता है। ऊंची इमारतों के झुंड, मलिन बस्तियाँ, परिवहन और उद्योग जीवन सुरक्षा को आग और अन्य आपात स्थितियों के प्रति एकदम नई चुनौतियाँ प्रस्तुत करते हैं।
आग की सूचना
आग व बचाव की सूचना
2001 से 2004
क्र.सं. | वर्ष | फायर कॉल्स | बचाव के लिए कॉल | कुल | खोई हुई संपत्ति | सुरक्षित संपत्ति | Life Lost | Life Saved |
मानव | जानवर | मानव | जानवर |
1. |
2001 |
18805 |
583 |
19388 |
1220896567 |
3945771557 |
929 |
1262 |
1538 |
756 |
2. |
2002 |
20044 |
707 |
20751 |
1234706655 |
6717573148 |
699 |
1030 |
1915 |
1732 |
3. |
2003 |
17840 |
1146 |
18986 |
2206169646 |
9135764800 |
696 |
4081 |
1423 |
1723 |
4. |
2004 |
17060 |
1205 |
18265 |
848152413 |
6693072269 |
680 |
1703 |
2255 |
1591 |
विशेष सेवा सूचना
आग से लड़ने और आग की घटनाओं से जीवन रक्षा के लिए सेवाएं प्रदान करने के अलावा उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाएँ इमारत ढहने, पानी में डूबने, पारगमन में दुर्घटना, और सभी प्रकार की आपदा, की स्थिति में जहां जीवन को खतरा है वहाँ आपात स्थिति और बचाव में हिस्सा लेती है। उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाओं की इन गतिविधियों को ‘विशेष सेवा आह्वान’ के तहत रखा गया है।
ग्रीष्म मौसमी अग्निशमन स्टेशन
उत्तर प्रदेश भारत का कृषि और ग्रामीण आधारित राज्य है। उत्तर प्रदेश की ग्रामीण जनसंख्या 13.15 करोड़ है जबकि शहरी जनसंख्या 3.45 करोड़ है। उत्तर प्रदेश में आग का मुख्य जोर ग्रामीण है। आग की सर्वाधिक घटनाएँ ग्रामीण क्षेत्र में गर्मियों के सूखे मौसम में फसल कटाई के दौरान मार्च से जून के बीच होती हैं। साल के इन चार महीनों में आग की घटनाएँ पूरे एक साल में प्राप्त हुयी आग की सूचनाओं का करीब 60 फीसदी होती हैं। साल भर में आग की जितनी सूचनाएँ मिलती हैं उसका 25 से 30 फीसदी तो सिर्फ अप्रैल के महीने में ही मिलती हैं। एक साल में संपत्ति का जितना नुकसान होता है उसका 50 फीसदी तो इन चार महीनों में होता है।
चूंकि मुख्य अग्निशमन स्टेशन शहरों में हैं अतः ग्रामीण क्षेत्रों में आग से नुकसान की रोकथाम और उत्तर प्रदेश की 13.15 करोड़ मुख्य जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाओं ने 134 मौसमी अग्निशमन स्टेशनों के रूप में आग से लड़ने के विशेष इंतजाम किए हैं। ये मौसमी अग्निशन स्टेशन तहसील मुख्यालय के ऐसे पुलिस थानों में होंगे जो मुख्य अग्निशमन स्टेशन से 20 किमी से ज्यादा की दूरी पर हैं। यह मौसमी अग्निशमन स्टेशन हर साल पहली मार्च से 30 जून तक कार्य करते हैं। यूं तो यह अग्निशमन स्टेशन सहायक प्रकृति के हैं लेकिन तहसील के ग्रामीण क्षेत्र में आग की किसी घटना की स्थ्ति में ये सबसे पहले पहुँचने वाली इकाई की भांति प्रतिक्रिया करते हैं।
जनहित की सूचना
आग क्या है
अग्नि त्रिकोण
आग एक ऊष्माक्षेपी प्रतिक्रिया है जिसमें द्रुत ऑक्सीकरण या ईंधन का जालना शामिल होता है। इसके होने के लिए तीन तत्वों की जरूरत होती है :
- ईंधन - ईंधन कोई भी ज्वलनशील सामग्री – ठोस, तरल या गैस हो सकता है। अधिकांश ठोस और तरल पदार्थ जलने से पहले वाष्प या गैस में तब्दील हो जाते हैं।
- ऑक्सिजन -जिस हवा में हम सांस लेते हैं उसमें 21 फीसदी ऑक्सीज़न होती है। आग को सिर्फ एक वातावरण की जरूरत होती है जिसमें कम से कम 16 फीसदी ऑक्सीज़न हो।
- ऊष्मा - ऊष्मा वह ऊर्जा है जो ईंधन का तापमान उस स्तर तक बढ़ाने के लिए जरूरी है जहां प्रज्ज्वलन के लिए पर्याप्त वाष्प निकालने लगें।
आग को किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है
श्रेणी ए
साधारण दहनशील या रेशेदार कार्बनमय सामग्री, जैसे - लकड़ी, कागज, कपड़ा, रबड़ और कुछ प्रकार की प्लास्टिक।
श्रेणी बी
ज्वलनशील या दहनशील तरल, जैसे - गैसोलीन, केरोसीन, पेंट, पेंट थिनर और प्रोपेन एलपीजी।
श्रेणी सी
चल रहे विद्युत उपस्कर, जैसे - उपकरण, स्विच, पैनल बॉक्स, बिजली के औज़ार।
श्रेणी डी
मैग्नीशियम, टिटानियम, पोटेशियम और सोडियम जैसी दहनशील धातुएं। ये धातुएं ऊंचे तापमान पर जलती हैं और दहन को बढ़ाने के लिए पर्याप्त ऑक्सीज़न निकलती हैं। ये पानी या अन्य रसायनों के संग प्रचंडतापूर्वक प्रतिक्रिया करती हैं अतः इसने सावधानी पूर्वक निपटना चाहिए।
आग को कैसे रोकें
श्रेणी ए – सामान्य ज्वलनशील :
- "भंडारण और काम के स्थान को कबाड़ से मुक्त रखें। तेल लगे लत्ते ढक्कन वाले डिब्बों में रखेँ। अच्छी साफ सफाई व व्यवस्था रखें।.
श्रेणी बी – ज्वलनशील तरल अथवा गैस:
- बंद जगहों पर गैसोलीन चालित उपकरणों में ईंधन न भरें, खास तौर पर मोमबत्ती, भट्टी या हीटर जैसे खुली लपट की मौजूदगी में।
- गैसोलीन चालित उपकरण जब गरम हों तब उनमें ईंधन न भरें
- ज्वलनशील तरल पदार्थों को अच्छी तरह बंद, स्वयं बंद होने वाले, न छलक़ने वाले पात्रों में रखें। भंडारण ड्रमों से तभी उंडेलें जब आवश्यकता हो।
- ज्वलनशील तरल पदार्थों का भंडारण चिंगारी पैदा करने वाले स्रोतों से दूर करें।
- ज्वलनशील तरल पदार्थों का इस्तेमाल हवादार स्थानों में ही करें।
श्रेणी सी – विद्युत उपकरण :
- पुरानी वायरिंग, घिसे इंसुलेशन और बिजली की टूटी फिटिंग पर नजर रखें। किसी भी खतरनाक स्थिति के बारे में अपने सुपरवाइज़र को बताएं।
- मोटर को गरम होने से बचाएं, उन्हें साफ और अच्छी कामकाजी स्थिति में रखें। बेढंगे तरीके से चल रहे मोटर में एक चिंगारी इसमें जमा तेल और धूल को सुलगा सकती है।
- कामकाजी रोशनी के ऊपर तार का घेरा होना चाहिए। खुले बल्ब की ऊष्मा आसानी से सामान्य दहनशील पदार्थों को सुलगा सकती है।
- फ्यूज का दुरुपयोग न करें। सर्किट के लिए नियत दर्जे से अधिक का फ्यूज कभी न लगाएँ।
- किसी भी उपकरण और बिजली के उपकरण से अजीब बदबू आ हो तो उसकी जांच करें। असमान्य बदबू आग का पहला संकेत हो सकते हैं।
- दीवार पर लगे विद्युत बोर्ड को ओवरलोड न करें। दो बोर्ड में दो से अधिक प्लग नहीं होने चाहिए।
श्रेणी डी – ज्वलनशील धातुएँ :
- मैग्नीशियम और टिटानियम जैसी ज्वलनशील धातुओं को सुलगने के लिए अत्यंत गरम स्रोत चाहिए होता है। लेकिन एक बार सुलगने पर इन्हें बुझाना मुश्किल होता है क्योंकि जलने पर जो प्रतिक्रिया होती है उससे पर्याप्त मात्र में ऑक्सीज़न निकलती है जो पानी के भीतर भी आग जलने में मदद करती है। ।
- कुछ मामलों में जलती हुयी धातु को बालू से ढकना, ऊष्मा और चिंगारियों को काबू करने में मददगार हो सकता है। आग बुझाने वाला सूखे पाउडर का यंत्र, बाल्टी या बॉक्स में सही मायने में सूखी बालू काफी प्रभावी होते हैं।
आग से कब मुक़ाबला न करें
आग से कभी न लड़ें :-
- यदि आग जिस जगह से शुरू हुयी है वहाँ से आगे फैल रही है।
- यदि आप पलायन के रास्ते की तरफ पीठ करके आग से नहीं लड़ सकते
- यदि आग आपके पलायन के एकमात्र रास्ते को बंद कर सकती है
- यदि आपके पास आग बुझाने के उचित और पर्याप्त उपकरण या पदार्थ / बुझाने के माध्यम नहीं हैं।
उपरोक्त किन्हीं भी परिस्थियों में,
इसके अतिरिक्त -
स्वयं आग से मुक़ाबला न करें
मदद के लिए पुकारें!
प्रारंभिक चरण में आग कैसे बुझाएँ
श्रेणी ए - सामान्य दहनशील पदार्थों को उनके प्रज्ज्वलन तापमान से नीचे तक ठंडा करें और आग फिर भड़कने से रोकने के लिए रेशों को भिगोएँ।
प्रेशरयुक्त पानी, झाग या बहु उद्देश्यीय (ए बी सी – दर्जे वाले) सूखे रसायनिक अग्निशामक का प्रयोग करें। कार्बन डाई ऑक्साइड या साधारण (बी सी – दर्जे वाले) सूखे रसायनिक अग्निशामक का प्रयोग ‘श्रेणी ए’ की आग पर न करें।
श्रेणी बी - ज्वलनशील तरल पदार्थ, ग्रीज़ या गैसों को बुझाने के लिए ऑक्सीज़न हटाएँ जिससे प्रज्ज्वलन के स्रोत तक वाष्प न पहुचने पाएँ या रासायनिक श्रृंखला प्रतिक्रिया रुक जाये।
‘श्रेणी बी’ की आग बुझाने में झाग, कार्बन डाई ऑक्साइड, साधारण (बी सी – दर्जे वाले) सूखे रसायन, बहु उद्देशीय सूखे रसायन और आग बुझाने वाली गैस का इस्तेमाल किया जा सकता है।
श्रेणी सी - बिजली से चल रहे उपकरणों को बुझाने में ऐसे अग्नि शमन पदार्थ का इस्तेमाल करें जो बिजली के करेंट के संवहन में सक्षम नहीं है।
‘श्रेणी सी’ की आग बुझाने में कार्बन डाई ऑक्साइड, साधारण (बी सी – दर्जे वाले) सूखे रसायन, बहु उद्देशीय सूखे रसायन और आग बुझाने वाली गैस का इस्तेमाल किया जा सकता है। बिजली से चल रहे उपकरणों पर पाने वाले अग्नि शामक का इस्तेमाल न करें।
बहु उद्देशीय (एबीसी-दर्जे वाले) रसायनिक अग्नि शामक ऐसे अवशेष छोड़ देते हैं जो संवेदनशील उपकरणों – जैसे कंप्यूटर व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण - को नुकसान पहुँचा सकते हैं। कार्बन डाई ऑक्साइड या आग बुझाने वाली गैस ऐसे मामलों में प्राथमिकता दी जाते है क्योंकि वे अत्यंत कम अवशेष छोड़ते हैं।
वर्ग डी - मैग्नीशियम, टिटानियम, पोटेशियम और सोडियम जैसी दहनशील धातुओं को सूखे पाउडर अग्निशामक पदार्थों से बुझाएँ जो इस तरह कि वस्तुओं के लिए विषेशतौर पर निर्दिष्ट हैं।
अधिकांश मामलों में ये ऊष्मा खींच लेते हैं और पदार्थ के प्रज्जवलन तापमान के नीचे उसे ठंडा कर देते हैं।
HOW TO USE A FIRE EXTINGUISHER
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Remember the acronym, "P.A.S.S."
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P |
...Pull the Pin.
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A |
...Aim the extinguisher nozzle at the base of the flames.
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S |
...Squeeze the trigger while holding the extinguisher upright.
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S |
...Sweep the extinguisher from side to side, covering the area of the fire with the extinguishing agent.
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याद रखें :
- आपके पलायन का रास्ता खतरे में है
- अग्निशामक का पदार्थ खत्म हो गया है
- अग्निशामक निष्प्रभावी साबित हो रहा है
- आप आग से सुरक्षित रूप से लड़ने में और सक्षम नहीं हैं
...तो तुरंत उस जगह को छोड़ कर निकाल जाएँ !
- अग्निशामक यंत्र एक ‘प्राथमिक सहायता’ साधन है
इसे बड़ी आग नियंत्रित करने की अपेक्षा न रखें :
- सिर्फ छोटी, पृथक आग के लिए
यदि आग बहुत बड़ी है तो उससे लड़ने की कोशिश न करें
- अल्प अवधि
आकार के आधार पर 10 से 30 सेकेंड तक स्प्रे करें
- कम फैलाव
आकार / प्रकार के आधार पर – 5 से 10 फुट
- आगे आग, पीछे भागने का रास्ता
स्वयं को आग और बाहर निकालने के रास्ते के बीच में रखें
- अतिरिक्त अग्निशामक और प्रेक्षक
सहायता के लिए एक प्रेक्षक और अतिरिक्त अग्निशामक पास में रखें
- संदेह हो तो सुरक्षित हट जाएँ
यदि आप आग से लड़ने में विश्वस्त नहीं हैं तो आप नहीं लड़ पाएंगे।
कैसे एक आपातकालीन कार्य योजना का उपयोग कैसे करें
- आपात स्थिति के लिए आपके कार्य स्थल में एक लिखित, अद्यतन आपात स्थिति कार्य योजना अत्यावश्यक है। ये सुनिश्चित करें कि आपने अपने विभाग कि आपात कार्य योजना और आग लगने पर की जाने वाली कवायद योजना को पढ़ लिया है और भली भांति समझ लिया है।
- योजना में स्थल से निकासी और इसके निकासी के प्रभारी के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
- इमारत के सभी स्थलों से पलायन के प्राथमिक व माध्यमिक रास्तों को चिन्हित कर के रखना चाहिए। चूंकि बहुमंजिला इमारतों में सीढ़ियाँ ही पलायन का प्राथमिक मार्ग होती हैं अतः उनका इस्तेमाल किसी भी प्रकार के भंडारण के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- आग लगने की आपात स्थिति में लिफ्ट का कतयी इस्तेमाल नहीं होना चाहिए और उन्हें बंद रखना चाहिए।
- आपात कार्य योजना का नेतृत्व करने वालों को उनकी विशिष्ट ड्यूटी निर्दिष्ट होनी चाहिए, जैसे यह सत्यापित करना कि सभी श्रमिक / कर्मचारी / छात्र / संकाय / स्टाफ निकाल लिया गए हैं।
- दिव्यांग कर्मचारियों के कार्यस्थल की स्थिति आग से पहले की योजना में स्पष्ट दिखायी देने चाहिए। हर एक दिव्यांग कर्मचारी और ऐसे कर्मचारी जिन्हें हृदय रोग जैसी कोई स्वस्थ्य समस्या है वे एक आपात कार्य योजना लीडर के सुपुर्द होने चाहिए जो सुरक्षा के लिये उनका मार्ग दर्शन करेंगे।
- ऐसे सभी कर्मचारी जिनको आग की घटना के दौरान सहायता की जरूरत हो सकती है, उनकी पहचान योजना बनाते समय हो जानी चाहियी।
- आपात कार्य योजना के परीक्षण के लिए आग लगने पर की जाने वाली कवायद का अभ्यास नियत होना चाहिये। आग की कोई घटना हो, इसके पहले ही किसी समस्या का पता करने के लिए आग लगने पर की जाने वाली कवायद का अभ्यास किया जाना चाहिए और योजना में आवश्यक बदलाव किए जाने चाहिए।
- कमरों / हाल के दरवाजों पर आपात कार्य योजना चिपकाई जानी चाहिए।
- यदि आपे विभाग कि कोई आपात कार्य योजना नहीं है तो अपने विभागाध्यक्ष से संपर्क करें और इसे हासिल करें। यदि आपके विभाग को आपात कार्य योजना बनाने में मदद कि जरूरत है तो सहायता के लिए उत्तर प्रदेश अग्निशन सेवाओं से संपर्क करें।
जलती हुयी इमारत को कैसे खाली कराया जाए
- कमरे से बाहर निकालने वाले अंतिम व्यक्ति को दरवाजा लॉक नहीं करना चाहिए बल्कि सिर्फ उढ़्का देना चाहिए। लॉक दरवाजे अग्निशमन विभाग के तलाशी एवं बचाव कार्यों में बाधा बनते हैं।
- आपात कार्य योजना में बताए गए निकास की ओर जाएँ
- किसी भी हालात में एलिवेटर / लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करें
- धुएँ और जहरीली गैसों से बचने के लिए नीचे झुके रहें। सबसे अच्छी हवा फर्श के नजदीक होती है अतः यदि जरूरी हो तो रेंग कर चलें।
- सांस लेने में आसानी हो, इसके लिए यदि संभव हो तो अपने मुंह और नाक को गीले कपड़े से ढकें
- यदि आप बहुमंजिला इमारत में कार्य करते हैं तो सीढ़ियाँ आपका प्राथमिक पलायन मार्ग होंगी। दो मंजिल से ज्यादा ऊंची इमारतों में ज़्यादातर बंद सीढ़ियाँ प्रमाणित अहाते होते हैं और ये आपको बाहर निकलने का सुरक्षित साधन प्रदान करते हैं। घबड़ाएँ नहीं और सीढ़ियों पर सावधानीपूर्वक धीरे-धीरे नीचे उतरें।
- एक बार जब सीढ़ियों पर पहुँच जाएँ तो नीचे उतर कर पहली मंजिल की ओर जाएँ। कभी भी ऊपर नहीं जाएँ।
- इमारत के बाहर आने पर पूर्वनिर्धारित सभा स्थल पहुँचें ताकि लोगों की गिनती हो सके। यदि किसी को आग लग जाए तो क्या करें
यदि किसी को आग लग जाए तो क्या करें
यदि आप को आग पकड़ ले तो :
रुकें - आप जहां हैं वहीं
गिरें - फर्श पर
लुढ़कें - फर्श पर चारों ओर
इससे लपटें बुझ जाएंगी, संभवतः आपकी जान बच जाएगी।
इतना याद रखिए रुकें, गिरें और लुढ़कें
यदि किसी सह-कर्मी को आग पकड़ लेती है तो कंबल या दरी उसके चारों ओर लपेट कर लपटें बुझा दें। इससे उनको गंभीर रूप से जलने या मौत तक से बचाया जा सकता है।
सार
ज्ञान - जागरूकता - तैयारी
कुंजियाँ जो आग से रोकथाम और आग की स्थिति में जीवन रक्षा के लिए हैं
क्या आप जानते हैं
- जब आग लगती है तो धुआँ फैलता है और लोगों को मार देता है
- जब सोफ़ा, फ़ोम, साज-सज्जा का समान, पीवीसी जलते हैं तो विषैला धुआँ उत्पन्न होता है जो दो मिनट से भी कम समय में तत्काल मार डालता है
- यदि आप जो कपड़े पहने हैं उनमें आग लग जाये तो रुक जाएँ, जमीन पर गिरें और लुढ़कें।
- यदि आप को खाना पकाने की गैस की महक आए तो इसका मतलब लीकेज है। फर्श के बराबर हवा फैलाएँ क्योंकि एलपीजी वायु से भारी होती है
- धुआँ वायु से ज्यादा गरम और भारी होता है और ऊपर की ओर उठता है। आग की स्थिति में दम घुटना रोकने के लिए ठंडी वायु की ओर फर्श पर रेंगें
- यदि आपके रहने के कमरे में आग भड़क उठती है तो आप तत्काल कमरे से निकाल जाएँ और अपने पीछे दरवाजा बंद कर दें।
- आग की स्थिति में धुआँ, आतंकित होना, सदमा और दम घुटना जान जाने के मुख्य कारक हैं। न चिल्लाएँ और न ही भागें। इससे अत्यंत घबराहट और सांस में अवरोध उत्पन्न होता है।
- आग की स्थिति में लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करें क्योंकि ये धुएँ, अंगारों और लपटों का गलियारा होती हैं।
- हमारे राज्य में आग लगने की सर्वाधिक घटनाएँ ग्रामीण इलाकों में होती हैं।
- शहरी क्षेत्रों में आग की अधिकांश घटनाएँ बिजली या एलपीजी के कारण होती हैं।
- घर में आग से लड़ने का सरलतम और सबसे काम का अग्निशमन यंत्र कंबल और पानी से भारी बाल्टी होती है।
- एक बार आग पकड़ लेने के बाद कहीं जाने के लिए सिर्फ एक स्थान ही पूर्णतया सुरक्षित होता है – बाहर। भीतर फंस जाने पर बाहर निकालना ही प्राथमिकता है।
- आग की जगह हवादार न होने पर कार्बन मोनो ऑक्साइड उत्पन्न होती है जो तत्काल जान ले लेती है। कार्बन मोनो ऑक्साइड गंध रहित, रंग रहित और स्वाद रहित होती है।
- पूर्ण सुरक्षा यह है कि एक बार खुले में पहुँच जाने पर आप आग की सूचना दें। अग्निशमन सेवा से संपर्क करें। आग का आकार चाहे जैसा भी हो, फायर ब्रिगेड की सेवाएँ पूरी तरह मुफ्त हैं, 101 पर डायल करें।
- आग के मामले में आपात नंबर 101 और पुलिस के लिए 100 है, ये निशुल्क हैं, भले ही आप पीसीओ से फोन करें।
आपकी मदद करने के लिए फायरमैन की मदद करें
याद रखें फायरमैन आपका मित्र है
- घटनास्थल पर जल्दी पहुँच सकें, इसके लिए दमकलों को रास्ता दें
- अपना टेलीफोन इस्तेमाल करने की उनको अनुमति दें ताकि वे कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकें
- आग बुझाने के नल / जमीन के नीचे बने पानी की टंकी के पास अपनी कार / ट्रक न खड़ी करें
- अग्निशमन कर्मी को कुएं, तालाब, टंकी जैसे पानी के स्रोतों की जानकारी दें।
गगनचुम्बी इमारतों में आग से बचाव
गगनचुंबी इमारतों में आग का खतरा हमेशा रहता है और यदि पर्याप्त एहतियाती उपाय नहीं लिए जाते हैं तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। अतः, निम्नलिखित मूल एहतियातों का पालन करें
करें
- अच्छी देखभाल सुनिश्चित करें
- धूम्रपान करते समय हमेशा एशट्रे का प्रयोग करें और जले हुये टुकड़े बुझाने के बाद उनमें ही रखें। धूम्रपान के लिए निर्दिष्ट स्थान पर ही धूम्रपान करें।
- कूड़ा जमा करने की सभी जगहें और पात्र नियमित रूप से खाली किए जाने चाहिए। बिजली के खराब उपकरण तुरंत मरम्मत या बादल दिये जाने चाहिए।
- स्विच और फ्यूज सर्किट के सही दर्जे के अनुरूप होने चाहिए। वैल्डिंग / कटिंग का काम सख्त पर्यवेक्षण में होना चाहिए।
- आग / धुआँ रोकने वाले दरवाजे बंद रखें
- पलायन रस्तों को व्यवधानों से साफ रखें
- आग की स्थिति में बचाव कैसे करें, इसका अभ्यास नियमित रूप से होना चाहिए
- निवासियों को आग से लड़ने का प्रारम्भिक प्रशिक्षण दें
- आपात संगठन अवश्य ही बनाया जाना चाहिए
रिहाइशी क्षेत्र में आग से बचाव के उपाय
करें | न करें |
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- प्लग, तार, स्विच और सौकेट्स जय बिजली की फिटिंग के संग छेड़छाड़ न करें
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- माचिस, लाइटर, पटाखे बच्चों से दूर रखें। पटाखे सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करें।
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- स्प्रे कैन हीटर के ऊपर या उसके नजदीक या सीधी धूप में न रखें। क्योंकि इनमें विस्फोट हो सकता है।
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- माचिस, सिगरेट – बीड़ी फेकने के लिए एश ट्रे का इस्तेमाल करें।
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- रद्दी की टोकरी में माचिस, सिगरेट के टुकड़े या पाइप की राख़ न फेंकें।
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- कागज, कपड़े और ज्वलनशील तरल को हीटर / स्टोव / खुले चूल्हे से दूर रखें।
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- तेल के दिये, अगरबत्ती या मोमबत्ती फर्श पर या दहनशील सामाग्री के नजदीक न रखें।
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- पलायन के रास्ते / सीढ़ियाँ किसी भी प्रकार के व्यवधान से मुक्त रखें।
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- खाना बनाते समय ढीले – ढाले वस्त्र न पहनें। विषेशतौर पर सिंथेटिक वस्त्रों से बचें।
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- एक सॉकेट में बिजली का सिर्फ एक ही उपकरण प्रयोग करें।
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- अपनी जेब में पटाखे न रखें। पटाखे घर के भीतर न छुड़ाएँ।
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- एलपीजी चूल्हा ऊंचे प्लेटफार्म पर रखें। इसे कभी भी फर्श पर न रखें।
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- कभी भी पटाखे बंद जगह पर या धातु के डिब्बे में न छुड़ाएँ।
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- खाना पकाने के बाद सिलिन्डर का वाल्व और गैस चूल्हे का नौब बंद कर दें।
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- अनार कभी भी हाथ में पकड़ कर न छुड़ाएँ।
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- पटाखे छुड़ाते समय पानी से भरी बाल्टी पास में रखें। आग से जलने पर जब तक दर्द खतम न हो जाए जलने की जगह पर पानी डालते रहें।
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- किसी वस्तु को लेने के लिए आग के ऊपर से न जाएँ।
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- जल रहे स्टोव में ईंधन न द्दलीन। खुली आग कभी भी बिना रखवाली के न छोड़ें।
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बिजली के बारे में आग से बचाव
आग की लगभग 60% घटनाएँ बिजली के कारण होती हैं। यह शॉर्ट सर्किट, ओवरहीटिंग, ओवरलोडिंग, घटिया उपकरणों का प्रयोग, बिजली के तारों में अवैध कटिया, सही ढंग से न की गई बिजली वायरिंग, लापरवाही और अज्ञानतावश होती हैं।
करें
Use I.S.I. certified appliances.
- आईएसआई प्रमाणित उपकरणों का इस्तेमाल करें।
- सही दर्जे वाले, गुणवत्तायुक्त फ्यूज, मिनिएचर सर्किट ब्रेकर और अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकर का प्रयोग करें।
- एक उपकरण के लिए एक सॉकेट का प्रयोग करें।
- अग्नि प्रभावित क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति बंद कर दें।
- आग से बेहतर सुरक्षा के लिए फ्यूज और स्विच को धातु के डिब्बे में लगाया जाना चाहिए।
- टूटे प्लग और स्विच को बदल डालें।
- बिजली के तारों को गरम व गीली सतह से दूर रखें।
- इस्तेमाल के बाद उपकरणों को बंद कर सॉकेट से प्लग निकाल दें।
- लंबी अवधि के लिए घर से बाहर जाने पर मेन स्विच ऑफ कर दें।
न करें
- घटिया उपकरण और फिटिंग का इस्तेमाल न करें।
- वायरिंग में अस्थायी या खुले जोड़ कभी नहीं छोड़ें।
- कालीन, चटाई के नीचे या आने-जाने के रास्ते में बिजली के तार न बिछाएँ। इससे तार कुचल सकते हैं और शॉर्ट सर्किट हो सकता है।
- उपकरणों के तार लटकने न दें।
- सॉकेट में खुला तार न डालें।
सार्वजनिक / निजी समारोहों के मद्देनजर अस्थायी निर्माण / पंडाल में अग्नि सुरक्षा
- पंडाल की छत की ऊंचाई 3 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
- ऐसे निर्माण में सिंथेटिक सामाग्री या सिंथेटिक रस्सियों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए
- पहले से मौजूद किसी दीवार या इमारत से चारों ओर कम से कम 3 मीटर की दूरी छोडनी चाहिए।
- चालू बिजली के तारों के नीचे कोई ढांचा नहीं खड़ा किया जाना चाहिए
- ढांचे रेलवे लाइन, विद्युत सब स्टेशन, भट्टी, या अन्य किसी खतरनाक स्थान से यथोचित दूरी पर खड़े किए जाने चाहिए और कम से कम 15 मीटर की दूरी बनाई रखनी चाहिए।
- पंडाल के चारों ओर निकासी के रास्ते पर्याप्त रूप से चौड़े (कम से कम 1.5 मीटर) रखे जाने चाहिए
- इमरजेन्सी लाइट का इंतजाम होना चाहिए। प्राथमिक सहायता वाले अग्निशामक यंत्र या पानी की बाल्टियाँ पंडाल के भीतर और बाहर सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर रखे जाने चाहिए।
- पंडाल के भीतर या आस-पास लकड़ी की छीलन, भूसा, ज्वलनशील और विस्फोटक रसायन भंडार करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
- अस्थायी निर्माण या पंडाल के निकट आतिशबाज़ी / किसी भी प्रकार की खुली लपट की इजाजत नहीं होनी चाहिए।
- अस्थायी निर्माण के बाकी हिस्से और रसोई घर के बीच में गैरज्वलनशील पदार्थ (जी.आई. शीट) की दीवारों खड़ी कर के रखना चाहिए।
- जनता को सुनिश्चित करना चाहिए कि वे समारोहों के लिए जिस प्रेक्षागृह / स्टेडियम को बुक कर रहे हैं, उसके पास अग्निशमन विभाग का वैध अनापत्ति प्रमाणपत्र है। अतः, ऐसे समारोह उन्हीं परिसरों में होने चाहिए जिनके पास अग्निशन सेवा से मंजूरी प्राप्त है।
उद्योगों में आग से बचाव
उद्योगों की तीव्र वृद्धि के चलते आग के जोखिम की जटिलताएँ बहुत अधिक बढ़ गई हैं। आग के जोखिम की घटनाएँ भी बहुत ज्यादा बढ़ी हैं। आग की ऐसी घटनाओं के परिणामस्वरूप न सिर्फ संपत्ति का भारी नुकसान होता है बल्कि कार्य का विस्थापन, उत्पादन की क्षति, बेरोजगारी और तमाम तरह की अन्य आपदाएँ होती हैं। यदि आग से बचाव के पर्याप्त उपाय किए जाएँ तो क्षति को कम से कम किया जा सकता है।
करें
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न करें
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- ज्वलनशील तरल गैस, सॉलवेंट, रसायनों को सुदृढ़ व स्थिर अलमारी में रखें और सब पर सही लेबल लगाएँ
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- प्रतिबंधित क्षेत्र में धूम्रपान न करें
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- रसायनों को ठंडी और सूखी जगह पर और गर्मी से दूर रखें
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- निकासी के रास्ते में व्यवधान खड़े न करें
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- जहां पर खतरनाक रसायनों का प्रयोग / भंडारण होता है उसे पर्याप्त रूप से हवादार रखें और धूम्रपान वर्जित करें।
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- क्षतिग्रस्त तार का इस्तेमाल न करें और अस्थायी कनेक्श्न से बचें।
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- अच्छी साफ-सफाई रखें और सुनिश्चित करें कि फेंकने से पूर्व सिगरेट बुझा दी गई हैं।
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- एक ही सॉकेट में ढेर सारे बिजली के उपकरण प्लग न करें
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- सही क्षमता के फ्यूज और सर्किट ब्रेकर इस्तेमाल करें।
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- वेल्डिंग करने से पहले सभी ज्वलनशील पदार्थ सुरक्षित दूरी तक हटा दें।
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- वेल्डिंग / ऊष्मा वाला कार्य उचित निगरानी में होना चाहिए
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- रगड़ और ओवरहीटिंग से बचने के लिए सभी मशीनों को तेल दाल कर व साफ रखें
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- अग्निशमन की नियमित अभ्यास कवायद होनी चाहिए
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बच्चों के लिए आग से बचाव के उपाय
- बच्चे हमारी सबसे मूल्यवान संपत्ति हैं । साथ ही वे दुर्घटनाओं और आग के प्रति सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। निम्नलिखित सुरक्षा संकेत दिमाग में रखने चाहिए।
- बच्चों को खुली आग, हीटर के पास या रसोई घर में अकेला न छोड़ें।
- माचिस और सिगरेट लाइटर बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
- दहनशील हीटर या अन्य हीटिंग उपकरण पर जाली रखा करें
- बिजली के प्लग और सॉकेट ढक कर रखें ताकि बच्चे उसमें अपनी उंगली, तार, धातु के उपकरण न डाल सकें।
पलायन योजना
- आग लगने कि स्थिति में आपकी पलायन योजना क्या है इसके बारे में आपके परिवार के सभी सदस्यों को जानकारी है?
- हर कमरे से बाहर निकलने के कम से कम दो रास्तों को क्या सभी जानते हैं?
- क्या आपने तय कर लिया है कि अग्निशमन सेवा के इंतजार में आप अपने घर के सामने किस जगह पर एकत्र होंगे?
- क्या सबको पता है कि पहले बाहर कैसे निकला जाए, फिर पड़ोसी के फोन या फोन बॉक्स के फोन कर मदद मांगी जाए?
- क्या सबको पता है कि उन्हें कभी भी जलती इमारत के भीतर कतई वापस नहीं जाना है?
- क्या आपके परिवार ने धुएँ के बीच फर्श पर रेंग कर निकटतम निकास द्वार तक जाने का भली भांति अभ्यास कर लिया है? (यह सुनिश्चित करें कि सभी लोग यह समझ लें कि वे उस निकास का प्रयोग करेंगे जो धुएँ या लपटों से मुक्त है)
- क्या आपके परिवार में सब लोग जानते हैं कि यदि उनके कपड़े आग पकड़ लें तो किस प्रकार रुकना, गिरना और जमीन पर लुढ़कना है ताकि लपटें बुझाई जा सकें?
भूकंप आने पर आप अपने आप को कैसे बचा सकते हैं
- जब भूकंप के झटके होने पर यदि आप इमारत के अंदर हैं तो दौड़ कर बाहर जाने कि कोशिश न करें।
- किसी मजबूत डेस्क, मेज या पलंग के नीचे हो जाएँ। यदि कोई भारी फर्नीचर उपलब्ध नहीं है तो दरवाजे के बीच खड़े हो जाएँ – चौखट से आपको कुछ सुरक्षा मिलेगी।
- खिड़कियों से दूर रहें। भूकंप की थरथराहट या इमारत के हिलने से खिड़कियाँ टूट सकती हैं।
- भूकंप आने के समय यदि आप बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, पेड़ों, बिजली के तारों या ऐसे किसी ऊंचे निर्माण आदि से से दूर रहें जो ढह सकता है।
- दौड़ कर ऊंचे निर्माणों से जितनी दूर हो सके खुली जगह में चले जाएँ। यदि ऐसे कोई जगह नहीं है तो दरवाजे के बीच में खड़े हो जाएँ।
- तलघर, तहखाने, सब-वे, पल या भूमिगत सुरंगों में शरण न लें। निकास द्वार मलबे से बंद हो सकता है या सुरंग खुद ढह सकती है।
- यदि आप कार में हैं तो कार रोक दें और गाड़ी की फर्श पर बैठ जाएँ आर यदि संभव हो तो सीट की सतह के नीचे दुबक जाएँ।
- यदि आप खुली जगह पर हैं और भूकंप की तीव्रता आपको गिरा देने के लिए काफी है तो जमीन पर लेट जाएँ।
- जब प्रारम्भिक झटके खत्म हो जाएँ तो भी बाहर ही रहें। पहले झटके के बाद कई और झटके अनियमित अंतराल पर आ सकते हैं। बचाव दल सब ठीक होने का संकेत न दे दें तब तक इंतजार करें।
- बड़े भूकंप के बाद बिजली के टूटे तारों, उल्टे-पलटे चूल्हों, एलपीजी सिलिंडरों, आदि से आग भड़क सकती है। ध्वस्त सीवर लाइनों से प्रदूषण फैल सकता है। पानी की मुख्य लाइनें टूट जाने से पानी सप्लाई की भी कमी हो सकती है।
- अपने घर में क्षति के संकेतों को ढूंढें। आधिकारिक निर्देशों और चेतावनी के लिए रेडियो या टीवी प्रसारण को सुनें।
- यदि आपको बाहर जाना ही हो तो मकानों या किसी भी अन्य निर्माण से दूर रहें जो भूकंप के कारण कमजोर पड़ गए हो सकते हैं। ऐसे निरमा बिना चेतावनी ढह सकते हैं।
- भूकंप आने से पहले कोई संकेत नहीं देते लेकिन ये स्थापित हो चुका है कि भूकंप से पूर्व सभी पालतू पशु-पक्षी आसमान्य व्यवहार करने लगते हैं। इस तरह के व्यवहार को भूकंप का संकेत माना जा सकता है।
दीपावली
- दीपावली प्रकाश, मौज-मस्ती और पटाखों का त्योहार है, युवा और वृद्ध सभी लोग इस त्योहार कि भव्यता का पूरा मजा लेते हैं और इसमें शामिल होते हैं।
- दीपावली चिंता का भी एक कारण है क्योंकि ये अपने साथ दर्द, जहम और मौत और आग्निकांड व तबाही भी लाती है। कारण है पटाखों का बेलगाम इस्तेमाल। अगर सावधानी से उपयोग किया जाएँ तो पटाखे मस्ती और खुशी को बढ़ाते हैं। लेकिन असलियत में ऐसा होता नहीं है। दीपावली वरदान हो सकती है यदि घर परिवार के बड़ी लोग समझदारीपूर्ण सावधानियों का पालन करें तो।
- अग्नि सुरक्षा और बचाव कि आदतें व उपाय आग को लाग्ने से रोक सकती हैं और यदि लग भी गई तो नुकसान को सीमित कर सकती हैं।
सुरक्षित तरीके से उत्सव मनाने में मदद करें
करें
- सामान्य तौर पर
- विभिन्न प्रकार के पटाखे यानि विभिन्न प्रकार के खतरे। हर एक पटाखे पर लिखे निर्देशों को ठीक से पढ़ें (अंधेरे में टॉर्च कि रोशनी में, कभी भी खुले लौ के नजदीक नहीं)। पटाखे से साथ दी गई सभी सुरक्षा सावधानियों का पूरी तरह पालन करें।
- वैधानिक रूप से निर्मित पटाखों को ही खरीदें।
- फुलझड़ियों के इस्तेमाल में बहुत सावधानी जरूरी है।
- एक बार में एक ही पटाखों को जलाएँ। हड़बड़ी न करें। पटाखों को दूर से ही छुड़ाएँ और जल चुके पटाखों को पानी भारी बाल्टी में दाल दें।
- पटाखों को शरीर से जितना दूर संभव हो रखें।
- पटाखे समतल सतह पर छुड़ाएँ जिससे कि वह छुड़ाते समय लुढ़क कर गिर न पड़ें।
- पटाखे जलाने के लिए एक लंबी छड़ी या डंडी का इस्तेमाल करें। पटाखे का सिरा अगरबती या मोमबत्ती द्वारा जलाएँ और ऐसा करते वक्त आप तिरछे खड़े रहें। पटाखा सुलगते ही आप पलट कर धीरे से हट जाएँ।
- शरीर में कहीं आग से जल जाए तो उस स्थान पर दस मिनट तक पानी डालते रहें।
- जो पटाखे छुड़ा रहे हों उनसे दूर रहें।
- अगर लगे कि पटाखे से आँख में कुछ हो गया है तो पानी की धार से तुरंत आँख धोइए और तब तक ऐसा करते रहिए जबतक जलन खत्म न हो जाये।
- सार्वजनिक तौर पर
- लोगों को सार्वजनिक आतिशबाज़ी देखने के लिए प्रोत्साहित करें
- पटाखे खरीदने के लिए 18 साल से कम उम्र के बच्चों के संग किसी बुजुर्ग व्यक्ति को जाना चाहिए।
- प्रशासन द्वारा पटाखे की दुकानें निश्चित स्थान पर लगवानी चाहिए।
- यदि आपको किसी अन्य परिवार के संग उत्सव मनाना है तो ऐसे घर में जाने का प्रयास करें जहां खुली जगह सबसे ज्यादा है और आसपास कि जगह सुरक्षित है।
- अपने मित्रों और मोहल्ले के परिवारों को समझाने का प्रयास करें कि सभी लोग एक स्थान पर जमा हो कर नियंत्रित स्थितियों में आतिशबाज़ी का आनंद उठाएँ। इससे दुर्घटनाएँ बहुत कम हो जाएंगी, लोगों का पैसा बचेगा और सब मिल कर बहुत आनंद उठा सकेंगे।
- झुग्गी / झोपड़ी और मलिन बस्तियों मे रहने वाले लोगों को समूह में सतर्क रहना चाहिए।
- ऐसे कारखानों में जहां खुले में रखी दहनशील सामग्री हटाई या ढकी नहीं जा सकती, वहाँ कारख़ाना मालिक को दीपावली पर शाम से आधी रात तक अपने कारखानों, गोदामों, यार्ड, खुले भंडार स्थलों में स्पष्ट निगरानी रखनी चाहिए।
- घरेलू सुरक्षा
- लक्ष्मी पूजन के मौके पर पूजन के बाद या सोने जाने से पहले पूजा स्थल से पर्दे, कागज, सिंथेटिक व अन्य सभी कपड़े, तेल, घी जैसी सभी दहनशील वस्तुएं हटा लें।
- पुआल, सूखी घास, लकड़ी इत्यादि दहनशील सामग्री से बनी सभी छतों को पानी से गीला कर लें।
- किसी आपात स्थिति के लिए या इस्तेमाल किए पटाखों को रखने के लिए पानी भर कर दो बाल्टियाँ समीप में रखनी चाहिए। आग की शुरुआती स्थिति में या आग से जलने पर पानी डालने के लिए ये पानी काम आएगा। शरीर में आग से जहां जला है वहाँ तब तक पानी डालते रहें जब तक जलन और दर्द खत्म न हो जाए।
- सड़क की ओर खुलने वाली खिड़कियाँ बंद रखनी चाहिए।
- पटाखे छुड़ाते समय मोटे कपड़े वाले कसे हुये वस्त्र पहनें।
- दिये और मोमबत्तियाँ सुरक्शित स्थान पर जलाएं/सजाएँ। जलते दीये/मोमबत्ती के पास से सभी दहनशील वस्तुएं हटा लें।
- देखें कि बिजली की लाइटिंग और सजावट सुरक्षित हैं और सप्लाई बोर्ड को ओवरलोड नहीं कर रही हैं।
- दीपावली से पूर्व छत, गलियारे और सीढ़ियों से सभी कबाड़ हटा लें।
- अपनी आतिशबाज़ी को धातु के बक्से में बंद कर के किसी ठंडी जगह पर और बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
- इस्तेमाल करने से पूर्व आतिशबाज़ी को गर्मी के सभी स्रोतों से दूर रखें
- पालतू जानवरों को धमाके की आवाज और चमक पसंद नहीं होती और वे आतिशबाज़ी की रात बहुत डर जाते हैं। अतः अपने पालतू जानवरों को घर के भीतर रखें और पर्दे बंद कर दें।
- याद रखें टेलीफोन नंबर 101 अग्नि शमन कंट्रोल नंबर है।
- पटाखों का आनंद किसी वयस्क के संग उठाएँ।
- पटाखा छुड़ाने से पहले देख लें कि सभी ज्वलनशील और दहनशील चीजें हटा ली गई हैं।
- सुनिश्चित करें कि बच्चे जलते पटाखे या फुलझड़ियाँ दूसरों पर फेंकने या खुद पटाखा छुड़ाने जैसी खतरनाक शैतनियाँ नहीं कर रहे हैं।
- आतिशबाज़ी छुड़ाना समाप्त होने पर फुस्स पटाखों पर ढेर सारा पानी डालें और उन्हें पानी से भरी बाल्टी में डाल दें।
क्या न करें
- सामान्य तौर पर :
- जिनके बारे में आपको जानकारी नहीं है ऐसे बिना लेबल वाले या लोकल पटाखों से दूर रहें। ये पटाखे गैरकानूनी होते हैं।
- पटाखे में आग लगाने के बाद उसे कभी न छूएँ या उठाएँ कि वह दगा क्यों नहीं है। यह बहुत खतरनाक आदत है। यदि पटाखा दगता नहीं है तो उसके पास नहीं जाएँ क्योंकि वह जीवित हो सकता है और अचानक आपके चेहरे पर फट सकता है।
- आतिशबाज़ी छुड़ाते समय ढीले-ढाले या घेरदार वस्त्र न पहनें।
- एक पटाखा कभी भी दुबारा न सुलगाएँ।
- पटाखे दहनशील डिब्बों में नहीं रखने चाहिए।
- छुड़ाते वक्त पटाखा कभी भी हाथ में या चेहरे के पास न रखें।
- पटाखे को खोले नहीं न ही उसका मसाला निकाल कर जलाएं।
- पटाखे के साथ कभी कोई प्रयोग न करें, उसके साथ छेड़छाड़ न करें और न कभी अपना पटाखा बनाने की कोशिश करें।
- 18 वर्ष से कम आयु वालों को पटाखा न बेचें।
- कभी भी अपनी जेब में पटाखा न रखें।
- धातु या शीशे के पात्र में कतयी पटाखा न छुड़ाएँ।
- बड़ी आतिशबाज़ी के लिए पटाखा छुड़ाने वाले को आँखों कि सुरक्षा का साधन पहनना चाहिए और कभी भी शरीर का कोई हिस्सा पटाखे के ऊपर नहीं होना चाहिए।
- पटाखे पर झुक कर कभी उसमें आग न लगाएँ।
- सार्वजनिक तौर पर:
- व्यस्त जगहों, झोपड़ियों, पेट्रोल पंप, तेल डिपो, आरा मिल, पंडाल या ऐसी जगह के पास जहां ज्वलनशील सामग्री हो वहाँ रॉकेट जैसे पटाखे कभी न छुड़ाएँ।
- सार्वजनिक आवागमन के रस्तों पर पटाखे न छुड़ाएँ।
- अपने को जोखिम पर रख के अन्य लोगों को खतरे में न डालें।
- जहां ऊपर की ओर कोई व्यावधान हो (जैसे कि वृक्ष, छज्जा, तार आदि) वहाँ हवाई पटाखे न छुड़ाएँ।
- किसी इमारत में भीतर की ओर जाने के रास्ते के निकट पटाखे न छुड़ाएँ। गैराज के खुले दरवाजे या किसी खुली खिड़की से हवाई पटाखा इमारत के भीतर आ सकता है और आग लग सकती है।
- घर के भीतर या किसी वाहन में पटाखा न छुड़ाएँ।
- किसी व्यक्ति या पशु को निशाना बना कर या उनपर पटाखा न फेंकें।
- बचे-खुचे पटाखे किसी अलाव में न फेंकें।
- पेट्रोल पंप, एलपीजी गोदाम, पंडाल या पटाखे की दुकान जैसी ज्वलनशील जगहों के समीप आतिशबाज़ी या पटाखे कतयी नहीं छुड़ाये जाने चाहिए।
- घरेलू सुरक्षा
- छोटे बच्चों को खुद पटाखे छुड़ाने की इजाजत न दें। पटाखे छुड़ाते वक्त बड़ों को बच्चों की निगरानी करनी चाहिए।
- ढेर सारे पटाखे एक ही जगह नहीं रखें। पटाखे कभी भी जलते दीये या मोमबत्ती के समीप नहीं रखे जाने चाहिएँ।
- अपने कपड़ों का ध्यान रखें। ढीले-ढाले कपड़े आसानी से आग पकड़ सकते हैं और ऐसे कपड़े पहन कर किसी आग या आतिशबाज़ी के निकट नहीं जाना चाहिए। लंबे-ढीले दुपट्टे खतरनाक हो सकते हैं।
- सीढ़ियों के नीचे या गलियारे में पटाखे नहीं रखने चाहिए।
- हाथ में पकड़ कर पटाखे कभी न छुड़ाएँ। पटाखा जमीन पर रखें, उसमें आग लगाएँ फिर उसकी ओर पीठ कर के हट जाएँ।
- कभी पटाखा छुड़ाने के लिए उसे बंद कर न रखें।
- घर के भीतर आतिशबाज़ी न करें।
- पटाखा किसी पात्र में रख कर न छुड़ाएँ।
- कभी यह न सोचें कि जलने के बाद बिना दगा पटाखा सुरक्षित है। देरी से हुये विस्फोट कइयों को घायल कर चुके हैं।
- गड़बड़ आतिशबाज़ी को छोड़ देना चाहिए।
- आतिशबाज़ी के मसाले के साथ न तो कोई चीज मिलाएँ, न घर पर आतिशबाज़ी बनाने की कोशिश करें। आतिशबाज़ी के साथ प्रयोग न करें।
- पटाखे, बम, अनार आदि हाथ में पकड़ कर नहीं छुड़ाना चाहिए। इन पटाखों पर झुके बगैर इन्हें किनारे से सुलगाना चाहिए और इनके फटने से पूर्व तुरंत हट जाना चाहिए।
- बच्चों को अपनी जेब में पटाखे रखने की इजाजत नहीं दें।
- बच्चों को कबाड़ के ढेर पर या छत पर जमा समान के ऊपर पटाखे छुड़ाने की इजाजत न दें।
- आतिशबाज़ी / पटाखे आपके देख कर आनंद लेने के लिए हैं इनके साथ कोई शरारत न करें जिससे किसी को क्षति पहुंचे। उदाहरण के तौर पर, बच्चे कुत्ते की पूंछ में पटाखा बांधने जैसी शरारत करते हैं।
- बच्चों को जलते पटाखे या फुलझड़ी दूसरों पर फेंकने या इमारत के ऊपर से नीचे फेंकने या पटाखा बनाने जैसी शैतानी करने की इजाजत न दें।
- बच्चों को खतरनाक तरीके से पटाखे छुड़ाने, जैसे कि हथेली पर रख कर अनार जलाना, की इजाजत न दें।
- आसमान की ओर जाते रॉकेट को न देखें, वह आप पर ही गिर सकता है।
- चोट लगने का अंदेशा होने पर आँख कतयी न रगड़ें।
- आग से जलने पर कोई दवा न खाएं।
- पटाखा छुड़ाने के सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी
- स्थानीय स्तर पर गैरकानूनी रूप से बनाए गए पटाखे खरीदना
- इमारत के भीतर / बंद जगह में / वाहन में पटाखे छुड़ाना
- ऊबड़-खाबड़ सतह पर पटाखे छुड़ाना
- पटाखे पर झुक कर अपने शरीर को असुरक्षित करते हुये माचिस या लाइटर जैसी खुली लौ से पटाखा जलाना
- पटाखा छुड़ाने वाले के बहुत करीब होना।
- जलने की आशंका होने पर आँखें रगड़ना
- 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बाजार से पटाखा खरीदने की इजाजत देना
- कहीं पर भी मनमर्जी से पटाखे की दुकान लगा देना
- दीपावली पर झुग्गी झोपड़ी को असुरक्षित छोड़ देना
- एक बार में दो पटाखे जलाना
- ऐसे कारखानों की सुरक्षा निगरानी न करना जहां खुले में रखी दहनशील सामाग्री को हटाना या ढकना संभव न हो।
- ‘लक्ष्मी पूजन’ के बाद या सोने जाने से पहले पूजा स्थल से पर्दे, कागज, सिंथेटिक व अन्य कपड़े, तेल, घी जैसे दहनशील पदार्थ न हटाना।
- सड़क की तरफ खुलने वाली खिड़कियाँ खुली छोड़ देना।
- दहनशील सामाग्री के पास दीया या मोमबत्ती जलाना।
- अत्यधिक लाइटिंग और सजावट से विद्युत आपूर्ति बोर्ड को ओवरलोड कर देना।
- दीपावली से पहले छत, गलियारे और सीढ़ियों से सभी कबाड़ को न हटाना।
- गरम स्रोतों के निकट लापरवाही से आतिशबाज़ी का भंडारण और दहनशील सामाग्री को बच्चों की पहुँच में रखना।
- बिना किसी व्यस्क की निगरानी में बच्चों को पटाखे छुड़ाने देना।
- बच्चों द्वारा खतरनाक शरारतें करना जैसे - जलते पटाखे या फुलझड़ी दूसरों पर फेंकना या खुद पटाखे बनाने की कोशिश करना।
- पटाखों के संग मूर्खतापूर्ण हरकतें करना, जैसे कि:
- जेब में पटाखे रखना। एक मूर्खतापूर्ण और खतरनाक हरकत।
- दूसरों पर पटाखे फेंकना। खतरनाक और गैर कानूनी।
- पटाखे और अल्कोहल एक अतिरिक्त खतरा साबित होते हैं, जब आतिशबाज़ी और अलाव आस-पास हों।
- जब हवा चल रही हो तब हवाई आतिशबाज़ी जलाना।
- सिर्फ दिखावे के लिए पटाखा जलाने में अनावश्यक जोखिम उठाना।
- बहुत करीब से पटाखा जलाना।
दीपावली पर खतरनाक गतिविधियां
इंतजार न करें !
लोग विफल होने की योजना नहीं बनाते, वे योजना बनाने में विफल होते हैं।!
उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवाओं के सौजन्य से