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FAQ Special Enquiries

Frequently Asked Questions-

प्रश्न 01:-   विशेष जाँच मुख्यालय गठित करने का उद्देश्य क्या है ?

उत्तर:-       अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के उत्पीड़न सम्बन्धी मामलों में प्रभावी नियंत्रण एवं उन्हें सुरक्षा / राहत प्रदान करने के उद्देश्य से उ0प्र0 शासन द्वारा वर्ष-1973 में विशेष जांच मुख्यालय की स्थापना पुलिस उपमहानिरीक्षक के नियंत्रण/ अधीन की गयी । वर्ष-1983 से यह मुख्यालय पुलिस महानिरीक्षक, वर्ष-1994 से अपर पुलिस महानिदेशक तथा माह जुलाई, 2018 से पुलिस महानिदेशक, विशेष जांच उ0प्र0 के पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण में कार्यरत है ।

प्रश्न 02:-   विशेष जांच मुख्यालय कहां स्थित है ?

उत्तर:-     विशेष जाँच मुख्यालय राजधानी लखनऊ में पुलिस मुख्यालय, (सिग्नेचर बिल्डिग), शहीद पथ गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ स्थित छठां तल (6th Floor) टावर तृतीय पर स्थित है ।

प्रश्न 03:-   विशेष जाँच मुख्यालय व उसमें नियुक्त अधिकारियों के टेलीफोन नम्बर क्या है ।

 उत्तर:-    

क्र.स.

अधिकारी पद

दूरभाष नम्बर

1

       पुलिस महानिदेशक

9454400115

2

       पुलिस उपमहानिरीक्षक

9454400240

3

       पुलिस अधीक्षक (मु0)

9454400343       

4

       पुलिस अधीक्षक (प्रथम)

9454401809

5

पुलिस अधीक्षक (द्वितीय)

9454401204

6

       अपर पुलिस अधीक्षक

9454401808

7

       पुलिस उपाधीक्षक (मु0)

9454401810

8

       पुलिस उपाधीक्षक

9415459321

9

       कन्ट्रोल नम्बर

0522-2724041

10

       फैक्स नम्बर

0522-2724041       

11

       कार्यालय नम्बर

0522-2390251

 

प्रश्न 04:-   संविधान के किन अनुच्छेदों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हितों की संख्या एवं अभिवृद्धि हेतु विशेष प्राविधान है?

उत्तर:-

(1) समाजिक संरक्षण-

अनुच्छेद-17: -इस अनुच्छेद के द्वारा अस्पृश्यता का अंत करते हुए इसका आचरण निषिद्ध किया गया है।

अनुच्छेद-25(2)(ख)  में समाजिक कल्याण और सुधार के लिए या सार्वजनिक प्रकार की हिन्दुओ की धार्मिक, संस्थाओं के बिन्दुओ के सभी वर्गों और अनुभागों के लिए खोलने की व्यवस्था की गयी है ।

अनुच्छेद-338:   अनुसूचित जातियों के लिए एक आयोग होगा, जो राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के नाम से ज्ञात होगा, जो इन जातियों से सम्बन्धित अधिकारों एवं शिकायतों एवं हितों का संरक्षण करेगा तथा 338 (क) के अनुसार अनुसूचित जनजातियों के लिए एक राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया जायेगा, जो इन जातियों से सम्बन्धित अधिकारों एवं शिकायतों एवं हितों का संरक्षण करेगा ।

अनुच्छेद-339:   अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग राज्य स्तर पर गठित किया जायेगा, जो इन वर्गों की शिकायतों, अधिकारों एवं हितों का संरक्षण करेगा ।

(2) आर्थिक संरक्षण :-

अनुच्छेद-46:    राज्य, जनता के दुर्बल वर्गों के, विशिष्टतया अनुसिचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के शिक्षा और अर्थ सम्बन्धी हितों को विशेष सावधानी से अभिवृद्दि करने और सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से उनकी संरक्षा करेगा ।

(3) शौक्षिक और सांस्कृतिक संरक्षण:-

अनुच्छेद-15(4) व 15(5) में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों हेतु शैक्षिक व सामाजिक विकास के लिए विशेष प्रावधान किये गये है ।

(4) राजनैतिक संरक्षण:-

अनुच्छेद 243(घ)- प्रत्येक पंचायत में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों हेतु आरक्षण के प्रावधान किय गये है ।

अनुच्छेद 243(न)- प्रत्येक नगरपालिका में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों हेतु आरक्षण को प्रावधान किये गये है ।

अनुच्छेद-330: राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों हेतु स्थानों के आरक्षण की व्यवस्था की गई है ।

(5) नियोजन सम्बन्धी संरक्षण:-

अनुच्छेद16 4(क) व 16(4)(ख) में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के सदस्यों हेतु सरकारी नौकरियों में आरक्षण संबंधी विशेष प्रावधान किये गये है ।

अनुच्छेद 335:-   संघ व किसी राज्य के कार्यकलाप से सम्बन्धित सेवाओं और पदों के लिए नियुक्तियां करने में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के दावों का प्रशासन की दक्षता बनाए रखने की संगति के अनुसार ध्यान रखा जायेगा ।

प्रश्न 05:-   संविधान के किस अनुच्छेद में अस्पृश्यता का अंत किया गया है ?

उत्तर:-     संविधान के अनुच्छेद 17 के अनुसार “अस्पृश्यता” का अंत किया गया है ।

प्रश्न 06:-   अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम कब पारित हुआ ?

उत्तर:-      संसद द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में पारित किया गया । जिसे और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण)  संशोधन अधि0-2015 संसद द्वारा पारित किया गया है, जो 26 जनवरी, 2016 से लागू है ।

प्रश्न 07:-   अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 को क्रियान्वित करने के संबंध में नियमावली कब बनी ?

उत्तर:-      भारत सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति  (अत्याचार निवारण) नियमावली 1995 में बनाई गयी । जिसे और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण)  संशोधन नियम-2016 बनाया गया । जो उ0प्र0 शासन के शासनादेश दिनांक 14-6-2016 से उ0प्र0 में लागू है ।

प्रश्न 08:-   “अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति” संविधान के किस अनुच्छेद में परिभाषित है ?

उत्तर:-      संविधान के अनुच्छेद 366 (24) व अनुच्छेद 341 में अनुसूचित जाति तथा अनुच्छेद 366 (25) व 342 अनुसूचित जनजाति को परिभाषित किया गया है ।

प्रश्न 09:-   किन जनपदों में शासन द्वारा विशेष जाँच प्रकोष्ठ हेतु स्टाफ की स्वीकृति प्रदान की गई है ?

उत्तर:-      उत्तर प्रदेश के निम्नांकित 20 जनपदों में शासन द्वारा विशेष जाँच प्रकोष्ठ हेतु स्टाफ की स्वीकृति प्रदान की गई है :-

  • लखनऊ 2- हरदोई 3- सीतापुर 4- रायबरेली 5- उन्वाव 6- गोण्डा 7- बहराइच 8- बाराबंकी 9- सुल्तानपुर 10- फतेहगढ़ 11- इटावा 12- बांदा 13-जालौन 14- बस्ती 15- गोरखपुर 16-आजमगढ़ 17- बदायूँ 18- मेरठ 19- वाराणसी 20- आगरा

 प्रश्न 10:-  जनपदों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 यथा संशोधित अधिनियम 2015 के अन्तर्गत पंजीकृत अभियोगों की विवेचना किस स्तर के अधिकारी द्वारा की जाती है?

उत्तर:-      कम से कम पुलिस उपाधीक्षक स्तर का अधिकारी ही उक्त अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत अभियोग की विवेचना कर सकता है ।

प्रश्न 11:-   जनपदों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के थानाध्यक्ष / प्रभारी निरीक्षक पद पर शासनादेश के अनुसार नियुक्त हेतु क्या प्राविधान है ?

उत्तर:-      उ0प्र0 के जनपदों के थानों में 21 प्रतिशत अनुसूचित जाति तथा 02 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के थानाध्यक्ष / प्रभारी निरीक्षक नियुक्त किए जाने का प्राविधान है ।

प्रश्न 12:-   उत्तर प्रदेश के कितने जनपदों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न संबंधी मामलों की सुनवाई हेतु विशेष न्यायालय या अनन्य विशेष न्यायालय गठित है ?

उत्तर:-      अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 यथा संशोधित अधिनियम 2015 की धारा-14 के अन्तर्गत प्रदेश के 40 जनपदों में विशेष न्यायालय गठित है, अन्य जनपदों में जनपद न्यायाधीश द्वारा नामित अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय द्वारा उत्पीड़न संबंधी मामलों की सुनवाई का कार्य किया जाता है । उत्तर प्रदेश में विशेष अनन्य न्यायालय गठित नहीं है ।

प्रश्न 13:-    अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उत्पीड़न संबंधी मामलों की विवेचना कितने दिनों में समाप्त हो जानी चाहिए?

उत्तर:-      अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम 1995 यथा संशोधित नियम 2016 के नियम 7(2) के अनुसार विवेचक द्वारा विवेचना उच्च प्राथमिकता के आधार पर 60 दिन के भीतर पूरी की जाएगी। यदि विवेचना 60 दिन के अन्दर पूरी नहीं होती है तो अन्वेषणकारी अधिकारी द्वारा लिखित में स्पष्ट किया जायेगा ।

प्रश्न 14:-   अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 यथा संशोधित अधिनियम, 2015 की विवेचना में तथा अन्य संरक्षण कार्य में लोक सेवक द्वारा कर्तव्यों की उपेक्षा के लिए दण्ड का क्या प्राविधान है ?

उत्तर:-      अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 यथा संशोधित अधिनियम 2015 की धारा-4 के अन्तर्गत कोई भी लोक सेवक जो अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं है, इस अधिनियम और उसके अधीन बनाये गये नियमो के अधीन उनके द्वारा पालन किये जाने के लिए अपेक्षित अपने कर्तव्यों की जानबूझकर उपेक्षा करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास से कम की नहीं होगी किन्तु जो एक वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डनीय होगा ।

प्रश्न 15:-   अनुसूचित जाति और अनुसूचित के सदस्यों की समस्याओं के निराकरण के लिये केन्द्र व राज्य स्तर पर किन आयोगों का गठन किया गया है ?

उत्तर:-      केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अलग-अलग गठित किये गये हैं एवं उ0प्र0 में उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया गया है ।

प्रश्न 16:-   किस-किस स्तर पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित के सदस्यों को अधिनियम के उपबन्धों के कार्यान्वयन, पीड़ित व्यक्तियों को राहत प्रदान करने व अभियोजन आदि की मॉनीटरिंग हेतु समितियों का गठन किया गया है ?

उत्तर:-      प्रदेश में तीन स्तरों पर सतर्कता और मॉनीटरिंग समितियों का गठन किया हैं ।

  • मा0 मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनीटरिंग समिति का गठन ।

(नियम-16 के अन्तर्गत)

  • जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सतर्कता और मॉनीटरिंग समिति का गठन ।

(नियम-17 के अन्तर्गत)

  • उपखण्ड मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में उपखण्डों स्तरीय सतर्कता और मॉनीटरिंग समिति का गठन । (नियम-17 (क) के अन्तर्गत)

प्रश्न 17:-   अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को उत्पीड़न की दशा में आर्थिक सहायता देने का क्या प्रावधान है?

उत्तर :-     अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियमावली, 1995 यथा संशोधित नियम 2016 के नियम धारा 12 (4) के  आधार पर उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ द्वारा निर्गत शासनादेश संख्या 118/2016/1405/26-3-2016-4(256)/1994 दिनांक 14-06-2016 के अनुसार आर्थिक सहायता निम्न रूप से दिये जाने का प्रावधान है :-

क्र0सं0

अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण), अधिनियम 1989 यथा संशोधित अधिनियम 2015 की धारा 3 में वर्णित अपराध

पीड़ित को देय आर्थिक सहायता की न्यूनतम धनराशि

प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के पश्चात

आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित करने के पश्चात

अवर न्यायालय में दोषसिद्ध होने के पश्चात

1.

मल-मूत्र, पशु या कोई अन्य घृणाजनक पदार्थ इकट्ठा करना, जो अपमान करने के आशय का हो

एक लाख रुपया

10 प्रतिशत

50 प्रतिशत

40 प्रतिशत

2.

जूतो की माला पहनाना या नग्न अर्द्ध नग्न घुमाना

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

3.

बलपूर्वक ऐसे कार्य करना जैसे कपड़े उतारना, बलपूर्वक सिर का मुंडन करना, मूंछे हटाना, चेहरे या शरीर को पोतना

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

4.

भूमि को सदोष अधिभोग में लेना या उस पर खेती करना

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

5.

बेगार या अन्य प्रकार के बलातश्रम या बंधुआ श्रम

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

6.

मानव या पशु शवों की अंत्येष्टि या ले जाने या कब्रों को खोदने के लिए विवश करना

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

7.

अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्य को हाथ से सफाई करवाना या ऐसे प्रयोजन के लिए उसे नियोजित करना

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

8.

अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की स्त्री को देवदासी के रूप में कार्य निस्पादन करने या समर्पण का संवर्धन करने

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

9.

मतदान करने या नाम निर्देशन फाइल करने से निवारित करना

पच्चासी हजार रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

10.

पंचायत या नगरपालिका के पद के धारक को कर्तव्यों के पालन में मजबूर करना या अभित्रस्त करना या उनमें व्यवधान डालना

पच्चासी हजार रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

11.

मतदान के पश्चात हिंसा और सामाजिक तथा आर्थिक बहिष्कार का अधिरोपण किसी विशिष्ट अभ्यर्थी के लिए मतदान करने या उसको मतदान नहीं करने के लिए इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध करना

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

12

लोक दृष्टि में आने वाले किसी स्थान पर साशय अपमान या अपमानित करने के लिए अभित्रास या गाली-गलौज करना ।

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

13

शत्रुता, घृणा से वैमन्सय की भावनाओं में अभिवृद्धि करना

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

14

अति श्रद्धा से माने जाने वाले किसी दिवंगत व्यक्ति का शब्दों द्वारा या किसी अन्य साधन से अनादर करना

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

15

किसी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की स्त्री को साशय उसकी सहमति के बिना उसे लैंगिक उद्देश्य से स्पर्श करना ।

दो लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

16

स्वेच्छा एसिड फेंकने वाले मामलों में

30 प्रतिशत से अधिक की क्षति आठ लाख पच्चीस हजार रुपया 10 से 30 प्रतिशत के बीच जलने पर चार लाख पन्द्रह हजार रुपया । ऐसे पीड़ित व्यक्ति के चेहरे के अतिरिक्त जिसका शरीर 10 प्रतिशत से कम जला हो पच्चीस हजार रुपया इसके अतिरिक्त राज्य सरकार या संघ राज्य प्रशासन एसिड के हमले को पीडित व्यक्ति के उपचार की पूरी जिम्मेदारी लेगा ।

50 प्रतिशत

चिकत्सा रिपोर्ट प्राप्त होने पर शेष 50 प्रतिशत

--

17

स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना

दो लाख रुपये

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

25 प्रतिशत

18

अनु0 जाति/जनजाति की स्त्री का बुरी नीयत से पीछा करना ।

एक लाख रुपया

10 प्रतिशत

50 प्रतिशत

40  प्रतिशत

19

गृह, ग्राम या निवास का स्थान छोड़ने के लिए मजबूर करना ।

राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा गृह ग्राम या निवास के अन्य स्थान पर स्थल या ठहरने के अधिकार की बहाली और पीड़ित व्यक्ति को एक लाख रुपये की राहत तथा सहकारी खर्च पर गृह का पुन: संनिर्माण

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

20

सार्वजनिक स्थानों पर साईकिल, मोटर साईकिल पर सवार होना या जूता आदि / नये वस्त्र पहनना / बरात निकालना / बरात के दौरान घोड़े की सवारी या किसी अन्य वाहन की सवारी करने पर बाधा उत्पन्न करना ।

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

21

धार्मिक स्थल में प्रवेश करना, धार्मिक जुलूस या किसी सामाजिक या सांस्कृतिक जुलूस के अन्तर्गत यात्रा में शामिल होने को रोकने पर ।

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

22

कोई व्यवसाय करना या कोई वृत्तिक, व्यापार या कारबार करना या किसी कार्य में नियोजन, जिनमें पब्लिक के किसी अन्य व्यापार सदस्यों या उसके किसी भाग का उपयोग करने का या उस तक पहुँच का अधिकार

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

23

डायन होना या जादू टोना करने का आरोप लगाने से शारीरिक क्षति या मानसिक अपहानि कारित करना

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

24

सामाजिक या आर्थिक बहिष्कार अधिरोपित करना या उसकी धमकी देना ।

एक लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

25

मिथ्था साक्ष्य देना या गढ़ना

चार लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

26

भारतीय दण्ड संहिता के अधीन अपराध करना जो दस वर्ष या अधिक के काराबास से दंडनीय है जैसे हत्या का प्रयास आदि ।

चार लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

27

लोक सेवक के हाथों पीड़ित करना

दो लाख रुपया

25 प्रतिशत

50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

28

अक्षमता के मामले में

(क) शत- प्रतिशत अक्षमता शरीर का कोई अंग-भंग कराना ।

आठ लाख पच्चीस हजार रुपया

चिकित्सा रिपोर्ट की पुष्टि के पश्चात 50 प्रतिशत

50 प्रतिशत

--

 

(ख)  जहां अक्षमता शत- प्रतिशत से कम है किन्तु 50 प्रतिशत से अधिक है ।

आठ लाख पच्चीस हजार

चिकित्सा रिपोर्ट की पुष्टि के पश्चात 50 प्रतिशत

50 प्रतिशत

 

--

(ग)   जहां अक्षमता पचास प्रतिशत से कम है ।

रुपया

आठ लाख पच्चीस हजार रुपया

चिकित्सा रिपोर्ट की पुष्टि के पश्चात 50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

अवर न्यायालय द्वारा विचारण की समाप्ति के पश्चात 25 प्रतिशत

29

बलात्कार

पांच लाख रुपया

चिकित्सा जांच और  चिकित्सा रिपोर्ट की पुष्टि के पश्चात 50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

अवर न्यायालय द्वारा विचारण की समाप्ति के पश्चात 25 प्रतिशत

30

सामूहिक बलात्कार

आठ लाख रुपया

चिकित्सा जांच और  चिकित्सा रिपोर्ट की पुष्टि के पश्चात 50 प्रतिशत

25 प्रतिशत

अवर न्यायालय द्वारा विचारण की समाप्ति के पश्चात 25 प्रतिशत

31

हत्या या मृत्यु

आठ लाख पच्चीस हजार रुपया

शव परीक्षण के पश्चात 50 प्रतिशत

50 प्रतिशत

--

32

हत्या, मृत्यु, सामूहिक हत्या, बलात्संग, सामूहिक बलात्संघ स्थायी अक्षमता और डकैती के पीड़ितों को अतिरिक्त अनुतोष

पूर्वोक्त मदों के अधीन संदत्त अनुतोष की रकम के अतिरिक्त अनुतोष का अत्याचार की तारीख से तीन मास के भीतर निम्नानुसार प्रबन्ध किया जायेगाः-

1- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजातियों से सम्बन्ध रखने वाले मृतक व्यक्ति की विधवा या अन्य आश्रितों के प्रतिमास पांच हजार रूपये की मूल पेंशन के साथ अनुज्ञेय मंहगाई भत्ता, जैसा सम्बन्धित राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र के सरकारी सेवकों को लागू है और मृतक के कुटुम्ब के सदस्यों को रोजगार और कृषि भूमि, घर, यदि तुरन्त क्रय द्वारा आवश्यक हो, का उपबंध

2- पीड़ित के बालकों की स्नातक स्तर तक शिक्षा की पूरी लागत और उनका भरण-पोषण । बालकों को सरकार द्वारा पूर्णतया वित्त पोषित आश्रम पद्धति स्कूलों या आवासीय स्कूलों में दाखिल किया जा सकेगा ।

3- बर्तनों, चावल, गेहूँ, दालों, दलहन आदि तीन मास की अवधि के लिये उपबन्ध ।

शव परीक्षण के पश्चात 50 प्रतिशत

50 प्रतिशत

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33

घरों को पूर्णतया नष्ट करना या जलाना ।

ईटों या पत्थरों से बने हुए घरों का निर्माण या सरकारी लागत पर उन्हें वहां उपलब्ध कराना जहां उन्हें पूर्णतया जला दिया गया है या नष्ट कर दिया गया है।

शव परीक्षा के पश्चात 50 प्रतिशत

50 प्रतिशत

--

 

 

प्रश्न 20:-   शासन के किस विभाग द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को उत्पीड़न होने की दशा में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है ?

उत्तर :-     समाज कल्याण विभाग द्वारा ।

प्रश्न 21:-  उत्तर प्रदेश में शासनादेश के अनुसार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कितने लोग वर्णित है ?

उत्तर :-   नवीनतम शासनादेश के अनुसार उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सूची इस प्रकार है :-

अनुसूचित जातियां

अनुसूचित जनजातियां

1. अगरिया (जिला सोनभद्र को छोड़कर)

2. बधिक

3. बादी

4. बहेलिया

5. बैगा (जिला सोनभद्र को छोड़कर)

6. बैसवार

7. बजनिया

8. बाजगी

9. बलहर

10. बलई

11. बाल्मीकि

12. बंगाली

13. वनमानुष

14. बांसफोर

15. बरवार

16. बसोड़

17. बावरिया

18. बेलदार

19. बेड़िया

20. भांतू

21. भुईया (जिला सोनभद्र को छोड़कर)

22. भुइयार

23. बोरिया

24. चमार, धूसिया, झुसिया, जाटव

25. वीरो (जिला सोनभद्र एवं वाराणसी को छोड़कर)

26. छबगर

27. धांगर

28. धानुक

29. धरकार

30. धोबी

31. डोम

32. डोमर

33. दुसाध

34. धरमी

35. धसिया

36. गोंड  (जिला  महराजगंज,  सिद्वार्थ  नगरबस्तीगोरखपुरदेवरियाआजमगढ,  जौनपुर, बलिया, गाजीपुर, मऊ, वाराणसी, मीरजापुर और सोनभद्र को छोड़कर)

37. ग्वाल

38. हबूडा

39. हरी

40. हेला

41. कलाबाज

42. कंजड़

43. कपड़िया

44. करवल

45. खरैता

46. खरवार (बनवासी को छोड़कर) (जिला देवरिया, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी और सोनभद्र को छोड़कर)

47. खटिक

48. खरोट

49. केल

50. केरी

51. केरवा

52. लालबेगी

53. मंझवार

54. मजहबी

55. मुसहर

56. नट

57. पंखा (जिला सोनभद्र और मीरजापुर को छोड़कर)

58. परहिया (जिला सोनभद्र को छोड़कर)

59. पासी, तरमाली

60. पतरी (जिला सोनभद्र को छोड़कर)

61. रावत

62. सहरिया (जिला ललितपुर को छोड़कर)

63. सनोरिया

64. सांसिया

65. शिल्पकार

66. तुरैहा

1. थारू

2. बोक्सा

3. भोटिया

4. राजी

5. जौनसारी

6. गोंड, धूरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड, (जिला महराजगंज, सिद्वार्थ नगर, बस्ती,गोरखपुर, देवरिया, म  , आजमगढ़, जौनपुर, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, मीरजापुर और सोनभद्र में)

7. खरवार, खैरवार (जिला दवेरिया, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी और सोनभद्र में)

8. सहरिया (जिला ललितपुर में)

9. पहड़िया (जिला सोनभद्र में)

10. बैगा (जिला सोनभद्र में)

11. पंखा, पनिका, (सोनभद्र और मीरजापुर जिले में)

12. अगरिया (सोनभद्र जिले में)

13. पतरी (सोनभद्र जिले में )

14. चेरो (सोनभद्र और वाराणसी जिले में)

15. भुइया, भुईयां (सोनभद्र जिले में)

 

प्रश्न 22:-  उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के माननीय अध्यक्ष एवं सदस्यगण कौंन है ?

उत्तर :-   उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष तथा पन्द्रह सदस्य हैं । जिनके दूरभाष एवं मोबाइल नम्बर निम्नवत् है :-

क्रमांक

नाम

पदनाम

टेली0 नं0 / मो0 नं0

1         

--

अध्यक्ष

--

2         

श्री मणिराम कौल

उपाध्यक्ष

8765028098

3         

श्रीमती पूर्णिमा वर्मा

उपाध्यक्ष

9415006338

4         

श्री राज किशोर वर्मा

सदस्य

9415544664

5         

श्री राजकुमार आनन्द

सदस्य

9911368571

6         

श्री ओम प्रकाश नायक

सदस्य

8191827473

7         

श्री रामसेवक खरवार

सदस्य

8191827473

8         

श्री छविलाल सुदर्शन

सदस्य

9451222453

9         

श्री राकेश रावत

सदस्य

8422478720

10     

श्रीमती पुष्पा अनुरागी

सदस्य

9452474122

11     

साध्वी गीता प्रधान

सदस्य

9917568965

12     

श्री हरिनाथ भाई सोनकर

सदस्य

8354804260

13     

श्री तीजा राम

सदस्य

9838390316

14     

श्री विश्वनाथ पासवान

सदस्य

9415850891

15     

श्री राजेन्द्र गौड़

सदस्य

9451064466

16     

श्री सुभाष कुमार

सदस्य

9838311221

17     

श्रीमती अनिता सिद्धार्थ

सदस्य

8601535353

 

प्रश्न 23:-   राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग कब गठित हुआ ? माननीय अध्यक्ष कौन हैं तथा सदस्यों की संख्या क्या है ? आयोग दिल्ली में कहाँ पर स्थित है ?

उत्तर :-     राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का गठन दिनांक 19.02.2004 में हुआ । जिसके वर्तमान अध्यक्ष प्रो0 (डॉ0) राम शंकर कठेरिया एवं उपाध्यक्ष डॉ0 एल. मुरूगन हैं इसके अतिरिक्त आयोग में 03 अन्य सदस्य हैं । आयोग पंचम तल, लोकनायक भवन, खान मार्केट – नई दिल्ली – 110003 में स्थित है । जिनके दूरभाष एवं फैक्स नम्बर निम्वत् है -

क्र0सं0

नाम

पदनाम

दूरभाष संख्या

1

प्रो0 (डॉ0) राम शंकर कठेरिया

अध्यक्ष

011 -24620435,24606802

2

डॉ0 एल. मुरूगन

उपाध्यक्ष

011-24654105,24606828

3

श्री केशापगुला रामूलू

सदस्य

011-24624801,24606826

4

डॉ0 योगेन्द्र पासवान

सदस्य

011- 24623266,24606833

5

डॉ0 स्वराज विधवान

सदस्य

011- 24626061,24606836

 

प्रश्न 24:-   राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग कब गठित हुआ ? माननीय अध्यक्ष कौन हैं तथा सदस्यों की संख्या क्या है ? आयोग दिल्ली में कहाँ पर स्थित है ?

उत्तर :-     राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन दिनांक 19.02.2004 में हुआ । जिसके वर्तमान अध्यक्ष श्री नंद कुमार साय एवं उपाध्यक्ष सुश्री अनुसुइया उइके हैं इसके अतिरिक्त आयोग में 03 अन्य सदस्य हैं । आयोग षष्ठम तल, बी विंग, लोकनायक भवन, खान मार्केट – नई दिल्ली – 110003 में स्थित है । जिनके दूरभाष एवं फैक्स नम्बर निम्वत् है -

क्र0सं0

नाम

पदनाम

दूरभाष संख्या

1         

श्री नंद कुमार साय

अध्यक्ष

011- 24635721, 24624628

2         

सुश्री अनुसुइया उइके

उपाध्यक्ष

011- 24657272, 24657474

3         

श्री हरि कृष्ण दामोर

सदस्य

011- 24646954

4         

श्री हर्षद भाई चुन्नीलाल वसावा

सदस्य

011- 24623958

5         

श्रीमती माया चिंतनाम इवानाट

सदस्य

011- 24657575, 24657373

 

प्रश्न 25:-  उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का क्षेत्रीय कार्यालय कहाँ है, आयोग के सहायक निदेशक कौंन है, टेलीफोन नम्बर क्या है ?

उत्तर :-    उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का क्षेत्रीय कार्यालय, पंचमतल केन्द्रीय भवन सेक्टर-एच अलीगंज लखनऊ – 226024 में स्थित है तथा आयोग के सहायक निदेशक श्री तरूण खन्ना हैं जिनका दूरभाष नं0 0522- 4073902, 2330288, 2323860 है ।

 

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101

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